| 1. | अनेक प्रयत्नों के बाद कल्पित द्रव्यमान असंगतिके द्वारा प्रेक्षित गुरुत्व असंगति का कारण निरुपित करना संभव होता है।
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| 2. | कल्पित संरचना और घनत्व वितरण की तदनुरूपी गुरुत्व असंगति के परिकलन के लिये शीध्र परिकलनीय रीतियाँ उपलब्ध हैं।
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| 3. | अनेक प्रयत्नों के बाद कल्पित द्रव्यमान असंगतिके द्वारा प्रेक्षित गुरुत्व असंगति का कारण निरुपित करना संभव होता है।
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| 4. | कल्पित संरचना और घनत्व वितरण की तदनुरूपी गुरुत्व असंगति के परिकलन के लिये शध्री परिकलनीय रीतियाँ उपलब्ध हैं।
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| 5. | प्रभावी गुरुत्व असंगति उत्पन्न करने के लिये अयस्क पिंड की गहराई जितनी अधिक होगी, अयस्क आकार में उतना ही बड़ा होता है।
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| 6. | प्रभावी गुरुत्व असंगति उत्पन्न करने के लिये अयस्क पिंड की गहराई जितनी अधिक होगी, अयस्क आकार में उतना ही बड़ा होता है।
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